बाबाजी अपने प्यारे को मदद कैसे पहुंचते हैं सुनकर होंगे हैरान

बाबा जी की प्यारी साध संगत जी वो कहते हैं ना मेरी हैसियत से ज्यादा मेरी थाली में तूने परोसा है तू लाख मुश्किलें भी दे दें मेरे मालिक मुझे तुझ पे पूरा भरोसा है साध संगत जी जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो सुनकर आपको अपने सतगुरु अपने प्यारे बाबा जी पर विश्वास इतना पक्का हो जाएगा कि बाबा जी हमारी फरियाद जरूर सुनते हैं कभी ऐसा मत सोचना कि शायद वो सुनते हैं ये शायद शब्द कभी नहीं आना चाहिए साध संगत जी अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो एक-एक शब्द सुनने वाला है अगर वो पूरा नहीं सुना तो बाद में बहुत पछताना पड़ेगा तो साध संगत जी ये वीडियो पूरा सुने जी भरोसे वाली घटनाएँ तो हम अक्सर सुनते रहते है पर ये जो अभी हालही में घटी सच्ची घटना जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो सुनकर आपकी आँखों से बाबा जी के प्यार वाले आँसू ना आ जाए तो कहना एक आदमी था रात का समय था यही कोई रात के बारह साढ़े बारह बजे थे अब उस आदमी को नींद नहीं आ रही थी पर मन बड़ा बेचैन था समझ नहीं आ रहा था कि ये बेचैनी क्यों है साथ संगत जी कई बार हम सबके साथ ऐसा जरूर होता है कि हमें अंदर से कुछ खटक होती है बेचैनी होती है पर समझ नहीं आ पाता कि ऐसा क्यों हो रहा है है ना बाद में एहसास होता है कि ऐसा क्यों हो रहा था अब उस आदमी को बहुत देर हो गयी नींद ही ना आए करें तो क्या करें घर में सब सो चुके थे पूरा परिवार सो चुका था अब ये आदमी बाहर ड्राइंग रूम में आकर बैठ गया और सोच रहा है कि ये कैसी बेचैनी है जब मन बहुत उदास हो गया तो उस आदमी से रुका ना गया अपनी गाड़ी निकाली और उसपे बैठकर निकल गया घर से बाहर अब गाड़ी चलाते हुए सड़कों पर घूमता रहा एक डेढ़ घंटे तक ऐसे ही घूमता रहा अब रात के ढाई तीन बज गए तो उसकी नजर रास्ते में गुरूद्वारे पर पड़ी तो सोचने लगा थोड़ी देर यही गुरूद्वारे में बैठ जाता हूँ थोड़ी शांति मिल जाएगी अब गुरूद्वारे के अंदर गया मत्था टेका तो देखता है कि गुरूद्वारे में अभी कोई संगत भी नहीं है हलकी लाइट जाली हुई थी माथा टेक कर एक कोने में आके बैठ गया जैसे ही बैठा उसकी नज़र दूसरे कोने पर पड़ी जहाँ एक और आदमी बैठा हुआ था अब उस आदमी ने देखा कि ये दूसरा आदमी बैठा तो है पर उसके पास से हल्का हल्का रोने की आवाज़ आ रही थी अब इस आदमी से रहा ना गया तो उस रोते हुए आदमी के पास जाकर बैठ गया और उससे पूछने लगा क्या हुआ भाई क्यों उदास हो मुझे अपनी परेशानी बताओ अब वो आदमी जो रो रहा था गरीब भी बहुत था जो कि उसके कपड़ों से ही पता चल रहा था कि वो गरीब है अब वो गरीब उस आदमी से कहने लगा कि मेरी बीवी हॉस्पिटल में एडमिट है और डॉक्टर ने उसको ऑपरेशन बता दिया है और ये भी कहा कि अगर सुबह तक पैसे नहीं जमा करवाए तो अपनी बीवी को हॉस्पिटल से ले जाना ये कोई अनाथ आश्रम नहीं है साध संगत जी ये सच्ची घटना हाल ही की घटी घटना है कि कैसे मालिक सुनता है वो गरीब फिर बोला मैं बहुत गरीब हूँ कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था इसीलिए बाबा जी के सामने अपना दुःख लेके गुरूद्वारे आया हूँ कौन है मेरा इनके सिवा और किससे माँगू किसी से मांग मैं सकता नहीं गरीबी में कोई दोस्त यार होता नहीं एक मेरे सच्चे पातशाह ही मेरे सच्चे दोस्त है अब ये गाड़ी वाला आदमी बहुत अमीर था इसने इस गरीब आदमी से पूछा के ऑपरेशन और सारे इलाज के लिए कितने पैसे चाहिए तो उस गरीब आदमी ने बता दिए जितने चाहिए थे तो वो अमीर आदमी बोला कि तुम यही गुरूद्वारे में मेरा इंतजार करना मैं बस अभी गया और घर से तुम्हारे लिए पैसे लेके आता हूँ अब वो जल्दी से गया और पैसे लेकर आ गया और पैसे देते हुए अपना विजिटिंग कार्ड भी देता है और कहता है और पैसे की ज़रूरत हो तो मुझे ज़रूर बताना इसमें मेरा फ़ोन नंबर और अड्रेस है मैं पहुँचा दूँगा जब और ज़रूरत होगी साध संगत जी इस बात पर उस गरीब आदमी ने जो जवाब दिया सुनकर हैरान रह जाओगे और वो गरीब आदमी उस अमीर आदमी से बोला कार्ड की ज़रूरत नहीं मेरे पास अड्रेस है तो वो अमीर आदमी हैरान हुआ और कहने लगा मेरा अड्रेस और तुम्हारे पास कैसे किसने बताया तो वो गरीब आदमी बोला आपका अड्रेस नहीं मुझे मेरे सच्चे पातशाह का अड्रेस पता चल गया है जिन्होंने तुम्हें भेजा है अगर आज मेरे सतगुरु ने आपको भेजा है तो कल जब जरूरत पड़ेगी तो वो कल भी मदद भेज देंगे वाह मेरे सतगुरु साध संगत जी अगर हम जैसे होते तो एकदम कार्ड पकड़ लेते और थोड़े दिन बाद फिर फ़ोन करके कहते कि और पैसे भिजवा दो हमें भी अपने सच्चे पातशाह अपने सतगुरु पर विश्वास इसी आदमी की तरह होना चाहिए जिस दिन हमें अपने प्यारे सतगुरु पर ऐसा विश्वास हो जाएगा जैसा इस गरीब आदमी को था तो वो क्यों नहीं सुनेगा अब उस गरीब आदमी का ये जवाब सुनकर उस अमीर आदमी की आँखों से आँसू छलक गए साध संगत जी हम लोगों में वैसा विश्वास है ही नहीं हम दोल जाते है दुनिया पर विश्वास करके बैठ जाते है कि बुरे वक्त में ये काम आएगा वो काम आएगा कोई नहीं आता जब तक सतगुरु खुद वसीला ना भेज दे लोग तो फ़ोन उठाना बंद कर देते है जरा सी अपनी परेशानी तो बता के देखो लोग आपका हाल पूछना छोड़ देंगे मत बताओ किसी को अपना दुख जब बहुत परेशान हो तो सिमरन पर बैठ कर सच्चे मन से रो देना अपने सतगुरु के आगे वो पलक झपकने से पहले ही प्रॉब्लम सॉल्व कर देते हैं पर विश्वास जबरदस्त होना चाहिए और ये विश्वास भी प्यार से भजन सिमरन पर बैठने से बढ़ता है और जब ये विश्वास बढ़ता रहता है तो हर दिन चमत्कार से होने लगते हैं और वो सिर्फ हमें महसूस होते हैं सबको बताए नहीं जाते वो कहते हैं ना तुझ बिन अवर न जाना मेरे साहिबा गुड गांवा नित तेरे, कोई दिल से याद करके तो देखो मालिक जरूर सुनता है

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