डॉ मार्क की सच्ची घटना

बाबा जी की प्यारी साध संगत जी वो कहते हैं ना मेरी हर सुबह तेरी मर्ज़ी से वो मेरे सतगुरु क्योंकि एक तू ही तो है जो दिन भर मुझे अपनी पनाह में रखता है। साध संगत जी, आज जो हम आपको बताने जा रहें हैं , वो सुनकर आपको अगर जरा सा भी विश्वास कम है अपने सदगुरु पर तो आज ये वाक्या सुनकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएँगे कि जब हमारे प्यारे बाबा जी की मेहर हो जाए तो कायनात कैसे पलट जाती है और सबको हैरान कर देती है साध संगत जी ऐसे ही एक सच्ची हैरान कर देने वाली घटना का जिक्र आया है यह घटना अमेरिका के डॉक्टर डॉक्टर मार्क की आप बीती है तो बड़े ही ध्यान से सुनना इन डॉक्टर ने कैंसर के ऊपर इतनी गहरी रिसर्च की कि बच्चों का एक cancer जो कि लाइलाज होता था तब इस doctor ने कई साल एक तरह से सारा जीवन लगा दिया research करने में कि आखिरकार वो सफल ही हो गया उस cancer का इलाज निकालने में पर वो doctor पूरा नास्तिक था उसको परमात्मा पर बिलकुल विश्वास नहीं था उसका मानना था कि भगवान कुछ होता ही नहीं इंसान जो करता है अपनी मेहनत से करता है दिन रात और कई साल की मेहनत के बाद उस cancer का इलाज ढूंढ लिया और जब ये इलाज ढूंढ लिया तो उस doctor का नाम होने लगा अब जब doctor का बहुत नाम हो गया तो अमीर उसके पास अपने बच्चे के इलाज के लिए आने लगे अमीर लोग इसलिए आते थे क्योंकि इस doctor की fees बहुत ज्यादा थी नास्तिक doctor था नास्तिकों को भगवान का कोई डर होता नहीं और वो doctor गरीबों की तरफ देखता भी नहीं था ज्यादा fees देने वाले अमीरों का ही इलाज करता था और ज्यादा fees माँगता था अब इसी को पता था इस cancer का इलाज कैसे करना है जब अमीरों के बच्चे इसके इलाज से ठीक होते जा रहे थे तो इस doctor का नाम तक पहुँचा तो अब सरकार ने राष्ट्रपति के हाथों award देने का फैसला लिया अब ये doctor इतना खुश कि अब इसको award मिलने वाला था इसीलिए बहुत खुश था अब जब award मिलने की तारीख नजदीक आयी तो flight पकड़ी जब flight पकड़ी तो flight को engine के खराब होने के कारण emergency landing करनी पड़ी साध संगत जी यहाँ देखो घटना क्या मोड़ लेती है सुनकर बड़ा विश्वास सा जाग जाएगा कि भगवान कैसे मदद करता है सबकी अब जब flight ने emergency landing छोटे से airport पर की तो इस doctor ने वहाँ के airport authority से जाकर पूछा कि दूसरी flight कितने बजे की है तो airport authority ने बताया कि flight तो अब दस घंटे बाद की है तो वो doctor बोला कि मुझे तो किसी भी तरह दो घंटे में यहाँ पहुँचना है तो airport authority ने बताया यहाँ से थोड़ी देर का रास्ता है वहाँ taxi मिलती है driver नहीं मिलता इसीलिए आपको खुद ही गाड़ी चलाकर जाना होगा तो ने यही किया गाड़ी लेकर खुद ही drive करके चल पड़ा मौसम इतना प्यारा था कि गाड़ी चलाते हुए जब वो doctor जंगल के रास्ते गुज़र रहा था तो अचानक मौसम खराब हो गया और इतना खराब हो गया कि headlight के आगे दिखना बंद हो गया कि आगे का रास्ता किधर जा रहा है अब जंगल का रास्ता है वो doctor पूरी तरह रास्ता भटक गया था दो घंटे का रास्ता था इतना खराब मौसम और जंगल में भटक भटक कर award को तो वो भूल ही गया था doctor को तेज़ भूख लगी थी सुबह का निकला हुआ था आधी रात हो गयी ना कुछ खाया ना पिया गाड़ी का petrol भी खत्म होने को आ गया था अब तो doctor को लगा कोई घर मिल जाए कही चाय मिल जाए या कोई phone करने के लिए जगह मिल जाए वहाँ network भी नहीं आ रहे थे पर अचानक से कुछ दूर पर एक light जलती दिखाई दी तो doctor उस तरफ चल पड़ा देखा एक छोटी सी झोपड़ी थी वहीं गाड़ी खड़ी की और doctor ने उस झोपड़ी का दरवाज़ा खटखटाया तो एक औरत ने खोला तो doctor Mark उसको पूछता है कि मैं रास्ता भटक गया हूँ एक phone करना था तो उस औरत ने कहा हमारे घर कोई phone नहीं है पर आप अंदर आ जाइए बहुत थके हुए लगते हैं बाहर बरसात हो रही है जब तक मौसम खराब है आप बैठो मैं आपके लिए कुछ चाय नाश्ता लाती हूँ जब बरसात रुक जाए तो आप चले जाना अब doctor Mark को तो यही चाहिए था कि कहीं चाय नाश्ता मिल जाए घर में जो कुछ भी था उस औरत ने चाय नाश्ते के साथ उसको खिलाया अब doctor Mark करने लगा कि बरसात रुक जाए पर बरसात थी कि बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी अब शाम हो गयी इंतज़ार करते करते अब वो औरत उस doctor के पास आके कहती है कि मेरी प्रार्थना का समय हो गया है आप भी मेरे साथ प्रार्थना कर लो तो doctor Mark बोला प्रार्थना सुनता कौन है और doctor फिर बोला क्यों अपना समय व्यर्थ में गवा रही हो कोई भगवान नहीं होता अपनी मेहनत ही होती है सब कुछ फिर doctor उस औरत से सवाल करता है कि क्या आज तक तुम्हारी कोई प्रार्थना भगवान ने सुनी है तो वो औरत बोली आपको प्रार्थना तो कोई बात नहीं पर ऐसी बातें मेरे भगवान के बारे में मत बोलो तो doctor उसको कहता है मैं तुम्हें नहीं रोकता तुम प्रार्थना कर लो पर मैं नहीं करूँगा मैं यही बैठा हूँ तो वो doctor बाहर बैठक में बैठ जाता है और वो औरत अंदर जाकर प्रार्थना करती है तो वो doctor वहीं से देखता है कि वो औरत प्रार्थना करते करते रो पड़ी काफी देर तक रोती रही और फिर बाहर आ गयी तो वो doctor उस औरत से कहता है कि देखो कोई तकलीफ है कोई है तो उसके लिए मेहनत करो किसे रोकर दिखा रही हो वो भगवान किसी की नहीं सुनता तो रो क्यों रही हो तो औरत कहने लगी कि मुझे मेरे भगवान पर बहुत विश्वास है और वो मेरी प्रार्थना जरूर सुनेगा मुझे भरोसा है बहुत आज तक उसने नहीं सुनी मेरी प्रार्थना तो क्या हुआ पर वो सुनेगा ज़रूर ये यकीन है मुझे तो doctor Mark कहता है चलो ठीक है मुझे बताओ अपना दुःख क्या पता मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकूँ साध संगत जी जो बात उस ने कही उस बात ने उसी वक्त doctor Mark का जीवन बदल दिया ध्यान से सुनना क्या कहा उस औरत ने उसने कहा मेरा छोटा बच्चा बीमार है पालने में है और उसको ऐसा cancer है कि जिसका इलाज ही नहीं है यहाँ जितने भी doctor गाँव के बाहर है मैं उनके पास जा चुकी हूँ वो कहते है इस cancer का इलाज है ही नहीं और उन्होंने ये भी बताया कि एक doctor Mark है जिन्होंने इसका इलाज निकाला है पर वो सिर्फ अमीरों का ही इलाज करता है तू उसके पास पहुँच भी गयी तो भी तेरे बच्चे का इलाज नहीं करेगा क्योंकि वो सिर्फ अमीरों का ही इलाज करता है अब तो भगवान भरोसे ही बैठ तू तो वो औरत जो बोली सुनकर हैरान रह जाएँगे अब वो औरत बोली कि मेरे मन में आया कि मैं doctor Mark के पास पहुँच भी गयी तो वो मेरे बच्चे का इलाज तो करेगा नहीं इसीलिए रोज़ भगवान से प्रार्थना करती हूँ कि हे मेरे मालिक कि मैं doctor Mark के पास तो जा नहीं सकती तो इसीलिए आप ही doctor Mark को मेरे घर पर भेज दो अगर मैं पहुँच भी गयी तो वो मेरे बच्चे का इलाज नहीं करेगा इसलिए भगवान तुम ही उसके मन में दया डालो और उस doctor Mark को मेरे घर भेज दो जिससे वो मेरे बच्चे का इलाज कर दे वाह मेरे सद्गुरु साथ संगत जी उस औरत की ये बात सुनते ही doctor Mark जो उस औरत के सामने ही था उसका पूरा शरीर काँप उठा और वो हैरान रह गया मानव समय थम गया हो और सोचने लगा plane खराब हुआ emergency landing हुई मौसम खराब हुआ और इसी घर में मुझे शरण मिली अगर भगवान नहीं है तो ये सब भी नहीं होता doctor सोचता है उस औरत का इतना अटूट विश्वास कि उसकी प्रार्थना ने मुझे कहाँ से कहाँ उस औरत के घर लेकर खड़ा कर दिया अब उस औरत को वो doctor बोला कि मैं ही doctor Mark हूँ और तुम्हारे भगवान ने ही मुझे यहाँ भेजा है और ये बात सुनकर उस औरत की आँखों से शुक्र वाले आँसू बहते जा रहे थे doctor Mark ने बोला क्योंकि भगवान ने मुझे यहाँ भेजा है तो तेरा बेटा जरूर ठीक होगा और आज से मैं प्रण करता हूँ कि पहले गरीबों का इलाज करूँगा फिर बाद में धनवानों का इलाज करूँगा वहाँ मेरे सद्गुरु साथ संगत जी उस औरत को परमात्मा पर कितना भरोसा था और हम लोगों को ही देख लो हम अरदास करते हैं कि बिन बोले आप सब कुछ जानता उसके बाद भी विश्वास की इतनी कमी है कि जब गुरुद्वारे में अरदास करवाते हैं तो वो भी नाम बुलवाकर क्या वो जानता नहीं कि क्या तकलीफ है हमें उसको तो की खबर है तब भी इंसान खुद को ही सब कुछ समझता है पता नहीं इंसान ऐसे कैसे सोच लेता है कि भगवान होता ही नहीं आप खुद ही सोचो हम कुछ भी काम करते है जो हमारा खुद का होता है जैसे हमारी अपनी creativity तो हम उसको अपना बताते है कि ये हमने बनाई है और जो इतनी सुंदर दुनिया इतने सारे अलग अलग शक्लों के लोग कई हजार करोड़ तरह के जीव कोई तो power है जिसने ये natural machine बनाई natural machine ये चलता फिरता इंसान ही तो है अब देखो दिल अपने आप भर के जा रहा है बिना रुके साँसे चलती जा रही है बिना लड़खड़ाए कोई तो power है ना कोई तो शक्ति है जो ख्याल रखती है इस natural machine का हमें अगर किसी department का manager बना दिया जाए तो मुश्किल से आठ घंटे में एक ही department संभाल पाते है लेकिन उस power का किसी को एहसास तक नहीं वो परमात्मा जो चौबीस घंटे हजारों करोड़ों तरह का ख्याल रखने से चूकता नहीं है एक चींटी तक को भूखा नहीं रखता वो ताकत वो power वो भगवान की करनी में कई कोई गलती दिखती है क्या इतने हजारों सालों से इंसान की दो आँखे एक नाक दो कान सब कुछ वैसा का वैसा कुछ नहीं बदला क्यों क्योंकि कोई गलती नहीं है और इंसान का बनाया एक phone भी साल भर से ज़्यादा नहीं चलता नया updated phone लेना ही पड़ता है तब भी इंसान खुद को ही सब समझता है इंसान को अपना ये तक नहीं पता कि कल वो जिंदा रहेगा भी या नहीं तब भी इतराता है कि जो हो रहा है हम कर रहे हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *